अब तो हम ही अफसर हैं
प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रचलित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को शासन एक नियमित रजिस्ट्रार नहीं दे सकती है। एलएस सोलंकी के बाद बीयू को नियमित रजिस्ट्रार ही नहीं मिला है। अब कनिष्ठ डिप्टी रजिस्ट्रार यशवंत पटेल रजिस्ट्रार के प्रभार हैं। उनके पास परीक्षा और गोपनीय शाखाओं का भी कार्य है। इसलिए वे कैबिन में रखी कुर्सी का सुख ही नहीं भोग पा रहे हैं। वे सिर्फ फाइलों को देखने के लिए एक विभाग से दूसरे विभाग पहुंच जाते हैं। उन्हें यहां से वहां होता देख सभी पूछते हैं। साहब आप क्यों इधर से उधर हो रहे हैं, तो उनके मुंह से यही आशीष वचन निकलते हैं कि अब तो हम ही अफसर है। इसलिए कम समय में ज्यादा काम करना पड़ रहा है।
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